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टूगेदर फॉर इम्पैक्ट: यूके रिसर्च एंड इनोवेशन भारत में लॉन्च हुआ

भारत और ब्रिटेन के बीच सहयोग के सफल इतिहास को दर्शाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला के साथ यूके रिसर्च एंड इनोवेशन को औपचारिक रूप से भारत में लॉन्च किया गया है।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
UK Research and Innovation

आज नई दिल्ली में टूगेदर फॉर इम्पैक्ट में रिसर्च और इनोवेशन की एक दशक की लंबी साझेदारी के प्रभाव का जश्न मनाया गया। इसमें 250 से अधिक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, शिक्षाविद, नीति निर्माता और दोनों देशों के व्यवसाय शामिल हुए।

यूके रिसर्च काउंसिल की भारत में पहली उपस्थिति के बाद दस वर्षों में आर्ट्स से लेकर एस्ट्रोनॉमी तक रिसर्च और इनोवेशन के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करते हुए सहयोगी परियोजनाओं में 300 मिलियन पाउंड (2,800 करोड़ रुपए) का सह-निवेश किया गया है। इस अवधि में, यूके भारत के अंतरराष्ट्रीय शोध सहयोगियों में चौथे से दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

दिन का पैनल की चर्चा का फोकस साथ काम करने के फायदों, प्रभाव को अधिकतम करने के रास्ते और ग्लोबल लीडर्स के तौर पर मानवीय समझ पर दोनों पक्षों के भावी अवसरों और चुनौतियों और स्थानीय व वैश्विक स्तर पर सामाजिक चुनौतियों को सुलझाने के लिए नए जानकारियों के उपयोग पर था।

भारत के ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक एस्किथ, ने कहा:

ब्रिटेन-भारत की रिसर्च और इनोवेशन पार्टनरशिप इस बात का उदाहरण स्थापित करती है कि कैसे दोनों देश दुनिया की खुशहाली के लिए संयुक्त बल के रूप में कार्य कर सकती है। यूके रिसर्च एंड इनोवेशन (यूकेआरआई) के माध्यम से, इस साझेदारी ने ऐसे इनोवेटिव साइंटिफिक और टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन तैयार किए हैं जो हमारे समाज और अर्थव्यवस्था दोनों को बदलने में मददगार होंगे।

भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के. विजयराघवन ने कहा:

पिछले दस वर्षों में भारत-ब्रिटेन के संयुक्त रिसर्च और इनोवेशन परियोजनाओं के प्रभाव और हमारी एकेडमिक और बिजनेस कम्युनिटिज़ के विशेषज्ञों द्वारा देश की सीमाओं से परे वाली संयुक्त चुनौतियों को हल करते हुए को देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं भारत-यूकेआरआई संबंधों की शानदार सफलता की कामना करता हूं।

यूकेआरआई के मुख्य कार्यकारी प्रोफेसर सर मार्क वालपोर्ट ने कहा:

जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संरक्षण से लेकर खाद्य सुरक्षा और गरीबी उन्मूलन जैसी हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियां अंतर्राष्ट्रीय हैं और उन्हें हल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की आवश्यकता है। हम ब्रिटेन और भारत के बीच अनुसंधान सहयोग के मजबूत इतिहास को निर्माण को जारी रखते हैं, जो वैश्विक प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों की उत्कृष्टता का उपयोग करता है।

मानवीय ज्ञान और समझ की सीमाओं को आगे बढ़ाने और आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक लाभ प्रदान करने के क्रम में यूकेआरआई के महत्वाकांक्षी मिशन के प्रतिपादन के लिए इस तरह की साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है।

यूके रिसर्च एंड इनोवेशन इंडिया के निदेशक डेनियल शाह ने कहा:

भारत और ब्रिटेन दोनों वैश्विक ज्ञान अर्थव्यवस्था में उन्नति करना चाहते हैं इसलिए हमे पता है कि हमारा भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि कोई भी पीछे न छूटे इसको सुनिश्चित करते हुए हम नए ज्ञान का निर्माण कैसे करते हैं और वैश्विक भलाई के लिए उसका उपयोग कैसे करते हैं।

हम अकेले इस मिशन में सफल नहीं हो सकते हैं - हम विश्वव्यापी रिसर्च व इनोवेटिव कम्युनिटी का हिस्सा हैं और प्रगति करने के लिए हमें एक-दूसरे से सीखना चाहिए। ब्रिटेन-भारत का संबंध ऐसी साझेदारियों के लाभों का एक शानदार उदाहरण है।

कार्यक्रम का समापन भारत के ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक एस्किथ सर डोमिनिक असक्विथ द्वारा दिए गए इवनिंग रिसेप्शन से हुआ जिसमें उन्होंने यूकेआरआई के निर्माण और ब्रिटेन व भारत के बीच अभी तक के रिसर्च कोलैबोरेशन के सफल इतिहास का स्वागत किया।

भारत-ब्रिटेन के रिसर्च और इनोवेशन कोलैबोरेशन का जश्न संयुक्त रिसर्च टीम द्वारा विकास की चुनौतियों को सुलझाने में सहायक नए समाधानों, साझेदारियों और उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली एक एनीमेशन फिल्म को रिलीज करके मनाया गया।

अधिक जानकारी

इनॉगरल पैनल डिस्कशन में शामिल थे:

  • प्रोफेसर के. विजयराघवन, भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार
  • डॉ अरुण श्रीवास्तव, सचिव और हेड इंस्टीट्यूशनल कोलैबोरेशन, परमाणु ऊर्जा विभाग
  • प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
  • इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च के चेयरमैन अरविंद जामखेडकर
  • प्रोफेसर बलराम भार्गव सचिव, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च
  • डॉ एम राजीवन, सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
  • डॉ रेणु स्वरुप, सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग
  • प्रोफेसर वीरेन्द्र मल्होत्रा, सदस्य सचिव, इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च

सर डोमिनिक असक्विथ, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जबकि यूकेआरआई का प्रतिनिधित्व निम्न लोगों द्वारा किया गया:

  • प्रोफेसर मार्क थॉमसन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी फसिलिटिज काउंसिल के कार्यकारी अध्यक्ष
  • प्रोफेसर मेलानी वेल्हम, जैव प्रौद्योगिकी और जैविक विज्ञान अनुसंधान परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष
  • फियोना ड्रिस्कॉल, यूकेआरआई बोर्ड के सदस्य

नया निकाय है रिसर्च व इनोवेशन को विकसित करने के क्रम में यथासंभव सर्वश्रेष्ठ माहौल बनाने के लिए विश्वविद्यालय, शोध संस्थान, व्यापार, चैरिटी और सरकार के साथ मिलकर काम करता है। हमारा उद्देश्य व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से काम कर रहे अपने प्रत्येक खंड के योगदान को अधिकतम करना है। हम ज्ञान, प्रतिभा और विचारों के माध्यम से हर किसी को लाभ पहुंचाने के लिए अपने कई भागीदारों के साथ मिलकर काम करते हैं। 6 बिलियन पाउंड से अधिक के संयुक्त बजट के साथ पूरे ब्रिटेन में संचालित होने वाला यूके रिसर्च व इनोवेशन , और एक नए ऑर्गेनाइज़ेशन को साथ लाता है।

नई दिल्ली के ब्रिटिश उच्चायोग में स्थित , रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में ब्रिटेन-भारत संबंधों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2008 से कार्यालय स्थापित होने के बाद यूके टुगेदर ने भारत सरकार और अन्य पक्षों के साथ मिलकर सह वित्त पोषित रिसर्च व इनोवेशन कार्यक्रमों में 300 मिलियन पाउंड से अधिक का निवेश किया है जिसमें ब्रिटेन और भारत के 175 से अधिक अनुसंधान संस्थानों और 100 से अधिक इंडस्ट्री पार्टनर्स सहित 200 से अधिक विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं यूकेआरआई - भारत की साझेदारी वाली परियोजनाओं में ऊर्जा, पर्यावरण, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, नेक्स्ट जेनरेशन आईटी नेटवर्क, सामाजिक विज्ञान और मानविकी सहित कई विषय शामिल हैं।

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प्रकाशित 25 अक्टूबर 2018